ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार, 2 जून को एक बड़ा रेल हादसा हो गया। हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है और 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हादसे की गंभीरता इतनी गंभीर है कि इसे भारतीय रेलवे के इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। हादसे से प्रभावित लोगों के लिए सहायता की भी घोषणा की गई है। हालांकि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने रेल मंत्री पर आरोप लगाते हुए कुछ सवाल उठाए हैं।
बालासोर, उड़ीसा में भयावह ट्रेन दुर्घटना को हुए 24 घंटे से अधिक बीत चुके हैं
क्या मानवीय व नैतिक आधार पर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की जवाबदेही नहीं तय की जानी चाहिए?
विशेषज्ञों, संसदीय समिति, CAG रिपोर्ट की चेतावनियों व सुझावों को नजरंदाज करने के लिए कौन जिम्मेदार है?
रेलवे में…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 4, 2023
प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ”ओडिशा में दुर्घटना को 24 घंटे से अधिक समय हो गया है। क्या मानवीय व नैतिक आधार पर उच्च पदों पर बैठे लोगों को अब उनकी जिम्मेदारियों से अवगत नहीं कराया जाना चाहिए?
उन्होंने कहा, ‘विशेषज्ञ, संसदीय समिति, कैग की रिपोर्ट की अनदेखी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘रेलवे में खाली सीटों और प्रमुख क्षेत्रों में धन की कमी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? क्या लाल बहादुर शास्त्री जी, नीतीश कुमार जी और माधवराव सिंधिया जी के नैतिकता का पालन करते हुए क्या रेल मंत्री को अपने पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
विपक्ष कर रहा रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग
रेल मंत्री ने कहा, ‘ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है और जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। रेल पटरियों को बहाल करने का काम फिलहाल बहुत तेजी पर चल रहा है. इस बीच विपक्षी दल लगातार रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
रेल मंत्री ने दुर्घटना पर दी ये जानकारी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव घटना के 39 घंटे बाद हुआ है। उन्होंने कहा, ‘रेलवे सुरक्षा आयुक्त इस संबंध में उचित जांच कर रहे हैं। इसलिए मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। उनसे रिपोर्ट मिलने के बाद दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा।