ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को एक ट्रेन हादसा हो गया। यह दुर्घटना उस समय हुई जब शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं और एक मालगाड़ी से टकरा गईं।
इस हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई थी और 803 लोग घायल हो गए थे। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार सुबह बालासोर रेल दुर्घटना स्थल का दौरा किया और चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। इस अवसर पर रेल मंत्री ने कहा कि कल प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार कार्य तेजी से चल रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटना की प्रारंभिक जांच पर दी ये रिपोर्ट
एक ट्रैक का काम शनिवार रात लगभग पूरा हो गया था। दूसरे ट्रैक को पूरी तरह से ठीक करने के लिए आज प्रयास किए जाएंगे। सभी बक्सों को हटा दिया गया है और शवों को बाहर निकाल लिया गया है। बुधवार सुबह तक सामान्य मार्गों को फिर से खोलने के प्रयास जारी हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिल गई है। यह भी सामने आया है कि इतना भयानक हादसा कैसे हो गया।
कैसे और क्यों हुआ इतना बड़ा हादसा?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह बताई जा रही है कि हादसा सिग्नल में तकनीकी खराबी की वजह से हुआ है। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, सिग्नल के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस एक साइड ट्रैक में प्रवेश कर गई, जिसे लूप लाइन कहा जाता है। कुछ मीटर आगे उस पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के अनुसार, जिस ट्रैक पर दोनों ट्रेनें टकराईं, उस पर बुरी तरह जंग लगी हुई थी। यही कारण है कि यह इतना भयानक हादसा था।
288 लोगों की मौत और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे
शुक्रवार रात तीन ट्रेनों में हुए एक ट्रेन हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी बालासोर जिले के बेहंगा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और पुलिस जांच कर रही है।
शुक्रवार शाम को पहली कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इसी दौरान वह पीछे से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गया। इस हादसे को सदी का सबसे भीषण ट्रेन हादसा बताया गया है, जिसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। दुर्घटना की प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि सिग्नल सिस्टम में पूरी तरह से खराबी दुर्घटना का कारण थी।