हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी का हौसला और बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने इस बार भी बहुमत से सरकार बनाई है। अब खबर सामने आ रही है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने विधानसभा उपचुनाव से पहले एक मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 पिछड़ी जातियों को अब अनुसूचित जातियों की लिस्ट में शामिल कर दिया है और अब इन योगी सरकार द्वारा इन सभी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
योगी सरकार ने यूपी उपचुनाव से पहले चला बड़ा दांव
बताया जा रहा है कि योगी सरकार ने यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के चलते लिया है। जिसमें अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कहा गया था। जिसके चलते योगी सरकार ने अब सभी जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द इन जातियों के परिवारों को प्रमाण पत्र देने का आदेश जारी किया है।
17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में किया शामिल
माना जाता है कि 17 अति पिछड़ी जातियों की आबादी कुल आबादी की लगभग 14 फ़ीसदी है। जो कि एक बहुत बड़ा वोट बैंक है। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी ने ऐसा फैसला लेकर यह वोट बैंक अपने पाले में लेने की कोशिश की है। गौरतलब है कि एक तरफ बीजेपी को इन 17 अति पिछड़ी जातियों का सियासी फायदा तो मिलेगा। लेकिन दलितों में मौजूद जातियों में इसके विरोध भी उनके लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया था निर्देश
यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी ने भले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश को जारी कर दिया है। लेकिन योगी सरकार इसका क्रेडिट सीधे तौर पर नहीं ले रहे हैं क्योंकि सरकार जानती हैं कि ऐसा करने से दलित जातियों में विरोध के स्वर बढ़ सकते हैं।