भारत आज भी गरीब देशों की लिस्ट में शुमार है। महंगाई के इस दौर में लोगों का जीवन काफी मुश्किल होता जा रहा है। अक्सर जब हम सड़क पर जाते हुए किसी शख्स को भीख मांगते हुए देखते हैं तो उस पर तरस खाते हैं और देश की सरकार को कोसते हैं। लेकिन आज हम आपको भिक्षावृति से जुड़े उन लोगों की सच्चाई से रूबरू करवाने जा रहे हैं। जिसे जानकर आप दोबारा उन पर कभी भी तरस नहीं खाएंगे।
योगी सरकार ने भिक्षावृति पर उठाया बड़ा कदम
दरअसल उत्तर प्रदेश के लखनऊ में योगी सरकार ने भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की जिंदगी संवारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। खबर के मुताबिक योगी सरकार ने राज्य के भिखारियों को रोजगार देने का ऐलान किया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि लखनऊ में भीख मांग रहे भिखारी सरकार द्वारा दिए जाने वाले इस रोजगार को लेने के तैयार नहीं है।
भिखारी नहीं लेना चाहते रोज़गार
जिसके पीछे की वजह यह है कि इन भिखारियों का मानना है कि उन्हें भीख मांगने से ज्यादा मुनाफा होता है। आपको बता देंगे कुछ लोग आजकल भिक्षावृत्ति को बिजनेस के तौर पर चला रहे हैं। इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर लगभग 20 साल से भीख मांग रहे आशु का कहना है कि हम भीख मांगने को बिजनेस की तरह देखते हैं और इससे हमारी ठीक-ठाक कमाई भी हो जाती है।
रोज़गार न लेने के पीछे ये बड़ी वजह
हम लोगों ने हफ्ते वार अपने-अपने चौराहे बांध रखे हैं। वहीं एक भिखारी ने बताया है कि उसकी 1 दिन की कमाई 15 सौ रुपए तक हो जाती है। इन भिखारियों का कहना है कि अगर हम रोजगार ले भी लेते हैं तो इतना नहीं कमा पाएंगे। यहां पर हमें भीख मांगने के साथ-साथ पेट भरकर भोजन भी मिल जाता है। इन भिखारियों का मानना है कि योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना उनके लिए ठीक नहीं है। उनका कहना है कि वह भीख मांग कर अपना गुजारा कर लेते हैं और भी भिक्षावृत्ति अब उन्हें ठीक लगती है ना कि रोजगार। रोज़गार में कोई दिलचस्पी नहीं है।