देश की दिग्गज एयरलाइन जेट एयरवेज के कर्ज में डूबे होने की खबर के बाद अब कहा जा रहा है कि कंपनी अब दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुकी है। इस मामले में अब आखिरी फैसला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी कि एनसीएलटी ही लेगी। बताया जा रहा है कि जेट एयरवेज कर्ज में डूबने के बाद अब दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।
जेट एयरवेज पर आया भारी संकट
इस कड़ी में एनसीएलटी ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया है। जिसे भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों के ग्रुप में डाला था। आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों के ग्रुप ने जेट एयरवेज के मामले में एक अहम बैठक की थी। जिसके बाद इस एयरलाइंस को फिर से मार्केट में लाने पर जोर दिया गया था। लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया।
एनसीएलटी के पास पहुंचा मामला
आपको बता दें कि एनसीएलटी के पास यह मामला जाने की घोषणा होने के बाद से ही जेट एयरवेज के शेयर 50 फ़ीसदी टूट चुके हैं। गौरतलब है कि भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी घरेलू एयरलाइन कंपनी को इस तरह की प’रिस्थिति’यों से गुजरना पड़ा। हालांकि अभी तक यह नहीं कहा जा सकता कि जेट एयरवेज दिवालिया घोषित होगी या नहीं क्योंकि इस मामले में अब आखिरी फैसला एनसीएलटी को ही लेना है।
दिवालिया होने के कगार पर पहुंची कंपनी
इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने जेट एयरवेज के खिलाफ एनसीएलटी में जाने के फैसले का बचाव किया है। उनका कहना है कि बंद हो चुकी एयरलाइन कंपनी के समाधान के लिए उन्होंने आखिरी कोशिश की है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 5 जुलाई को होने वाली है। एनसीएलटी ने जेट एयरवेज की दि’वालि’या प्रक्रिया को 3 महीने के अंदर अंदर पूरा करने का निर्देश जारी किया है।
एविएशन सेक्टर में ऐसा पहला मामला
आपको बता दें कि बैंकों की 64वीं सलाना आम बैठक से बातचीत करते हुए एसबीआई के चेयरमैन ने कहा है कि एविएशन सेक्टर में जेट एयरवेज का दि’वालि’या होना पहला मा’मला है। हमें यह देखना होगा कि यह किस तरह से आगे बढ़ता है और का’नूनी सि’द्धांत किस तरह से इस मामले में काम करते हैं।